इसे उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने नोएडा में एक महिला के नेतृत्व वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने अब तक फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सेंटर चलाने वाली महिला भी शामिल है। पुलिस ने कहा कि वे ऋण दिलाने के बहाने लोगों को धोखा देते थे।
अधिकारियों ने दावा किया कि नोएडा सेक्टर 63 के एक किराए के कार्यालय में स्थित कॉल सेंटर ने 300 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की।
एसटीएफ ने कहा, “व्हाट्सएप के माध्यम से ऋण चाहने वालों को भेजे गए जाली दस्तावेजों का उपयोग करके इंडिया बुल्स कंज्यूमर फाइनेंस से ऑनलाइन ऋण दिलाने के बहाने लोगों को ठगने में शामिल होने के आरोप में गिरोह के मास्टरमाइंड सहित आठ आरोपियों को नोएडा से गिरफ्तार किया गया है”।
गिरोह का पर्दाफाश अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की लखनऊ Unit ने किया।
मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया कि एसटीएफ ने फर्जी कॉल सेंटर से अब तक पांच मोबाइल फोन, 17 एटीएम/क्रेडिट कार्ड, 3 लैपटॉप, 2 टैबलेट, तेरह प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 75 फर्जी दस्तावेज और एक लाख से अधिक ग्राहकों का डेटा जब्त किया है।
हिरासत में लिए गए लोगों के नाम समूह की नेता छाया सिंह के साथ-साथ प्रिया शुक्ला, आंचल चौधरी, सुलेखा, अंकित सिंह, विजेंद्र प्रताप सिंह, अर्चना प्रजापति और शिवानी ठाकुर बताए गए हैं।