Rikshaw driver killed
द्वारका सेक्टर-10 मेट्रो स्टेशन के पास दो ई-रिक्शा चालकों ने एक 30 वर्षीय साथी चालक की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, आरोपी चालकों को यह लगा कि मृतक चालक ने जरूरत से ज्यादा सवारी भर ली थी, जिससे वे अपनी कमाई से वंचित रह गए। शनिवार को पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।
Rikshaw driver killed
मृतक की पहचान धर्मेंद्र यादव के रूप में हुई है, जो दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के गोयला डेयरी इलाके में रहते थे। पुलिस का कहना है कि आरोपी मृतक के परिचित और मित्र थे। यह घटना सोमवार रात 9 से 10 बजे के बीच की है, जब धर्मेंद्र और अन्य ई-रिक्शा चालक मेट्रो स्टेशन के बाहर सवारियों का इंतजार कर रहे थे।

Rikshaw driver killed
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “जांच में सामने आया कि मृतक और अन्य चालकों के बीच सवारी को लेकर झगड़ा हुआ। धर्मेंद्र ने कुछ अतिरिक्त सवारी बैठा ली थी, जिससे बाकी चालकों को नुकसान हुआ। इसी बात से नाराज होकर आरोपियों ने उसे बुरी तरह पीटा और उसका गला दबा दिया। मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसे शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया है। उससे पूछताछ जारी है।”
Rikshaw driver killed
इस मामले में शिकायत मृतक के छोटे भाई जितेंद्र यादव (26) ने दर्ज कराई, जो सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं।

जितेंद्र ने कहा, “मैं ड्यूटी पर था, तभी मेरे दोस्तों ने बताया कि मेरे भाई पर हमला हुआ है। वह सवारी ले जा रहा था, तभी दो अन्य चालकों ने उस पर हमला कर दिया। हमारे एक दोस्त ने देखा कि आरोपी उसे पकड़कर दीवार पर उसका चेहरा मार रहे थे। उन्होंने उसे बेरहमी से पीटा… उसका चेहरा और गला सूज गया था। वह मुझसे मिलने द्वारका सेक्टर-18 आया और फिर हम घर चले गए। लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई। हमने उसे दीन दयाल अस्पताल पहुंचाया…वह वहीं बेहोश हो गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है।”
Rikshaw driver killed
पुलिस ने बताया कि अस्पताल में दर्ज मेडिको-लीगल केस के अनुसार, मृतक के चेहरे, गले, छाती और पेट पर गंभीर चोटों और सूजन के निशान थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद आरोपी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

Rikshaw driver killed
जितेंद्र यादव की शिकायत पर बुधवार को गैर इरादतन हत्या के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। धर्मेंद्र अपने भाई और माता-पिता के साथ रहते थे।