10 Newborns Killed in UP Hospital Fire
उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु देखभाल केंद्र (NICU) में रात करीब 10:45 बजे आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य बच्चे गंभीर हालत में हैं और उनकी जान बचाने के लिए इलाज चल रहा है।
10 Newborns Killed in UP Hospital Fire
जिले के मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि आग संभवत: ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी यही कारण बताया।
इस हादसे के वक्त NICU में 54 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 44 को बचा लिया गया। मृतकों में से सात बच्चों की पहचान कर ली गई है, जबकि बाकी तीन की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किए जाएंगे।
10 Newborns Killed in UP Hospital Fire
सरकारी अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। घटनास्थल की तस्वीरों में देखा गया कि अस्पताल के बाहर मरीजों और उनके परिजनों में अफरा-तफरी मची हुई थी और अस्पताल के भीतर कई मेडिकल उपकरण जलकर खाक हो गए थे। एक महिला ने ANI से बातचीत करते हुए बताया कि घटना के बाद वह अपने बच्चे को नहीं ढूंढ पाई और बाद में उसे सूचित किया गया कि बच्चा मारा जा चुका है।
10 Newborns Killed in UP Hospital Fire
झांसी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुधा सिंह ने आज सुबह बताया कि 16 बच्चे जिनकी हालत गंभीर है, उन्हें स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की पूरी टीम इन बच्चों के इलाज में लगी हुई है और सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
10 Newborns Killed in UP Hospital Fire
अस्पताल में आग सुरक्षा प्रणालियों के ठीक से काम न करने का आरोप भी लगाया जा रहा है, और सूत्रों के अनुसार आपातकालीन सिस्टम की देखरेख में लापरवाही का मामला सामने आया है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि अस्पताल का अग्नि सुरक्षा ऑडिट फरवरी में हुआ था और जून में अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल भी कराई गई थी। उन्होंने कहा, “आगे की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हम इस पर कुछ ठोस बातें कह सकते हैं।” उन्होंने बताया कि इस आग की घटना की जांच तीन स्तरों पर की जाएगी – स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और एक मजिस्ट्रियल जांच।
10 Newborns Killed in UP Hospital Fire
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के तुरंत बाद वरिष्ठ अधिकारियों और डॉक्टरों को राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर करने का निर्देश दिया और पर्याप्त अग्निशमन वाहनों की तैनाती के आदेश दिए। उन्होंने पीड़ित परिवारों को ₹5 लाख की सहायता देने की घोषणा की है, जबकि गंभीर रूप से घायल बच्चों को ₹50,000 की सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) से 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में हुई दुर्घटना में कई नवजात बच्चों की मौत की खबर बेहद दिल दहला देने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि दुखी परिवारों को इस अपार कष्ट को सहने की शक्ति दे।”
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे “हृदयविदारक” घटना बताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि दी जाएगी। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
उत्तर प्रदेश में विपक्ष ने इस हादसे के लिए अस्पताल प्रशासन में लापरवाही का आरोप लगाया है, और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।