दो पत्ती को कनिका ढिल्लों और कृति सेनन ने प्रोड्यूस किया है. इस फिल्म का डायरेक्शन शशांका चतुर्वेदी ने किया है.

काजोल, कृति सेनन और शाहीर शेख की दो पत्ती की कहानी दो जुड़वां बहनों की है. एक बहन को एक लड़के से प्यार होता है. लेकिन कुछ ऐसा होता है कि दोनों की जिंदगी ताश के पत्तों की तरह बिखर जाती है.

जब दोनों बहने इस जटिल गुत्थी को सुलझाने की कोशिश करती हैं, तो बहुत ड्रामा होता है. लेकिन कहानी देखी हुई सी लगती है. डायरेक्शन बेहद कमजोर है. काजोल का जो कैरेक्टर है, वह कई अंग्रेजी फिल्मों और वेब सीरीज से प्रेरित लगता है. इस तरह कहानी और डायरेक्शन दोनों ही बेहत औसत रहते हैं.

दो पत्ती में काजोल पुलिस अफसर हैं और किरदार में वो पूरी तरह से मिसफिट हैं. उनका बोलने का अंदाज इरिटेट करता है. अब जरूरी नहीं है कि कोई पुलिस अफसर होगा तो उसका बोलने का स्टाइल हरियाणवी-पंजाबी मिक्स होना ही चाहिए.

कृति सेनन जुड़वां रोल में हैं. दोनों ही फ्रेम में सेम हैं. एक्टिंग भी औसत है. शशांका चतुर्वेदी ने पुराने और रटे-रटाए फॉर्मूले को आजमाने की कोशिश की.