IIT Baba reaches Mahakumbh Mela
महाकुंभ मेला 2025 के पहले दिन 1.6 करोड़ से अधिक भक्तों ने भाग लिया, जो कि मानवता का सबसे बड़ा जमावड़ा है। नागा बाबाओं और विश्व स्तर पर सम्मानित धार्मिक गुरुओं के बीच, इस बार एक ‘आईआईटी बाबा’ ने सबका ध्यान आकर्षित किया है।
IIT Baba reaches Mahakumbh Mela
अभय सिंह उर्फ मसानी गोरख, जिन्हें ‘आईआईटी बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, ने महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सीएनएन-न्यूज18 की टीम की नजर जब एक युवा व्यक्ति पर पड़ी, जो एक तंबू के बाहर पाइप पर बैठा था, तो उसकी चमचमाती आंखों और सादगी भरी मुस्कान ने सबका मन मोह लिया।
IIT Baba reaches Mahakumbh Mela
मसानी गोरख ने बताया कि उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। लेकिन उन्होंने विज्ञान और एयरोस्पेस की दुनिया को पीछे छोड़ते हुए साधु बनने का फैसला किया ताकि खुद को समझ सकें और दिव्यता का अनुभव कर सकें।
अभय सिंह ने अपना नाम बदलकर मसानी गोरख रखा और अपना जीवन भगवान शिव को समर्पित कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें राघव और जगदीश जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
IIT Baba reaches Mahakumbh Mela
हरियाणा के रहने वाले मसानी गोरख ने चार साल तक आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई की। बाद में उन्होंने ‘आर्ट्स साइड’ की ओर रुख करते हुए मास्टर्स इन डिज़ाइन किया और फोटोग्राफी में काम किया। इसके साथ ही, उन्होंने छात्रों को फिजिक्स भी पढ़ाया।
आईआईटी बाबा ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने दर्शनशास्त्र के कोर्स – पोस्ट-मॉडर्निज्म, सुकरात और प्लेटो – का अध्ययन किया ताकि जीवन का अर्थ समझ सकें। कई करियर में असफल प्रयासों के बाद, वह अपने घर लौट आए और “मूलभूत चीजों” पर ध्यान केंद्रित करने लगे।
IIT Baba reaches Mahakumbh Mela
उन्होंने कहा, “अब मैं समझता हूं कि यही असली ज्ञान है। यदि आपको मन या मानसिक स्वास्थ्य को समझना है, तो इसे आध्यात्मिकता के माध्यम से किया जा सकता है।” उन्होंने आगे बताया कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि लोग उनके इस नए उद्देश्य के बारे में क्या सोचते हैं।
जब उनसे पूछा गया कि वह इस अवस्था तक कैसे पहुंचे, तो उन्होंने कहा, “यह अवस्था सबसे अच्छी अवस्था है।”
आईआईटी बाबा के साथ यह बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कई लोगों ने उनके ज्ञान और धन के बजाय सत्य की खोज को सराहा। एक यूजर ने लिखा, “पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान होने के बाद भी शून्य वही है, जो शिव हैं, सत्य हैं। इसका जीवंत उदाहरण हैं हमारे आईआईटी महाराज जी।”
IIT Baba reaches Mahakumbh Mela
दूसरे ने लिखा, “यह व्यक्ति बहुत अच्छा और सच्चा है। इसमें किसी भी चीज का लालच नहीं है।” एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “ न जाने कितने बच्चे आईआईटी मुंबई का सपना देखते हैं, बाबा जी कमाल के हैं, मैं उनके बारे में शब्दों में बयां नहीं कर सकता।”
हर चार साल में भारत में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेला को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह सांस्कृतिक आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक हो रहा है। इस वर्ष यह आयोजन और भी खास है क्योंकि संतों का मानना है कि इस बार इस आयोजन के लिए 144 साल बाद दुर्लभ ग्रहों की स्थिति बनी है। पहले दिन ही 1.65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।