Pahalgam terror attack: पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकियों की हुई पहचान

Pahalgam terror attack

Pahalgam terror attack

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए बर्बर आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकियों की पहचान कर ली गई है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, यह आतंकी समूह पिछले एक महीने से इलाके में सक्रिय था।

Pahalgam terror attack

सूत्रों ने बताया कि जिन आतंकियों की तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें से एक कुलगाम निवासी जुनैद पहले एक मुठभेड़ में मारा जा चुका है। इन तस्वीरों में दिख रहे आतंकी, पहलगाम हमले के दौरान जारी किए गए स्केच से मेल खाते हैं।

Pahalgam terror attack

Pahalgam terror attack: पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकियों की हुई पहचान

बता दें कि इस जघन्य हमले में बैसरन घाटी में देश के विभिन्न हिस्सों से आए 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई। आतंकियों ने पहले पुरुषों को उनके परिवारों से अलग किया, फिर उन्हें कलमा पढ़ने या अपना नाम बताने को कहा ताकि उनकी धार्मिक पहचान तय की जा सके, और फिर महिलाओं और बच्चों के सामने उन्हें गोलियों से भून दिया।

Pahalgam terror attack

चश्मदीदों के अनुसार, आतंकवादी दोपहर करीब 2:20 बजे पर्यटक स्थल पर पहुंचे और फिर जोड़ी में बंट गए। उन्होंने करीब 400 मीटर क्षेत्र को कवर किया और हर समूह से जाकर उनकी धर्म और मूल स्थान की जानकारी ली। इसके बाद पुरुषों को जबरन अलग किया गया और पहचान की पुष्टि होने के बाद उन्हें AK-47 से बेहद करीब से गोली मार दी गई। जो लोग अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहे थे, उनकी अतिरिक्त जांच के बाद उन्हें भी मार दिया गया।

Pahalgam terror attack: पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकियों की हुई पहचान

Pahalgam terror attack

बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 26 मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों तथा जीवित बचे लोगों को भरोसा दिलाया कि इस घिनौने कृत्य को अंजाम देने वालों को सजा जरूर मिलेगी। गृह मंत्री ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Pahalgam terror attack

Pahalgam terror attack: पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकियों की हुई पहचान

इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन “द रेसिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली है। TRF, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक सहयोगी संगठन है, जिसकी स्थापना 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हुई थी। TRF की गतिविधियां तब उजागर हुई थीं जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोपोर और कुपवाड़ा में उसके ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के मॉड्यूल को तोड़ा था। गिरफ्तार OGWs ने खुलासा किया था कि वे युवाओं की भर्ती इस नए संगठन के लिए कर रहे थे।

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
WhatsApp
Telegram
Latest News
Viral