Ferrari worth Rs 7.5 crore seized
बेंगलुरु की सड़कों पर हाल ही में देखी गई सबसे एक्सक्लूसिव कारों में से एक, लाल रंग की Ferrari SF90 Stradale, को कर्नाटक में रोड टैक्स चोरी के आरोप में गुरुवार को परिवहन विभाग के अधिकारियों ने जब्त कर लिया। NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सुपरकार की कीमत लगभग 7.5 करोड़ रुपये है।
Ferrari worth Rs 7.5 crore seized

यह फेरारी महाराष्ट्र में रजिस्टर्ड थी, जहां लक्ज़री गाड़ियों पर रोड टैक्स कर्नाटक की तुलना में काफी कम होता है। हालांकि यह गाड़ी शहर में ऑटोमोबाइल प्रेमियों के बीच काफी मशहूर हो गई थी, इसके मालिक ने कभी इसे कर्नाटक में रि-रजिस्टर नहीं करवाया और न ही राज्य का टैक्स चुकाया।
Ferrari worth Rs 7.5 crore seized
एक गुप्त सूचना के आधार पर बेंगलुरु साउथ RTO के अधिकारियों ने जांच शुरू की। दस्तावेज़ों की जांच के बाद यह पाया गया कि गाड़ी राज्य में बिना जरूरी टैक्स अदा किए चलाई जा रही थी। नियम उल्लंघन की पुष्टि होने पर अधिकारियों ने फेरारी को जब्त कर लिया और मालिक को नोटिस जारी कर गुरुवार शाम तक बकाया चुकाने का आदेश दिया।

नोटिस में यह चेतावनी भी दी गई थी कि यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद मालिक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 1.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिसमें बकाया टैक्स और जुर्माना दोनों शामिल हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह राशि किसी एक वाहन से वसूली गई सबसे बड़ी टैक्स रिकवरी में से एक है।
Ferrari worth Rs 7.5 crore seized

यह कार्रवाई कर्नाटक परिवहन विभाग द्वारा लग्ज़री कारों पर टैक्स चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है। इसी साल फरवरी में विभाग ने ऐसी ही कार्रवाई करते हुए 30 लक्ज़री कारें जब्त की थीं, जिनमें फेरारी, पोर्श, ऑडी, बीएमडब्ल्यू, एस्टन मार्टिन और रेंज रोवर जैसी गाड़ियाँ शामिल थीं। उस समय इस ऑपरेशन में 40 से अधिक RTO अधिकारियों ने भाग लिया था।
Ferrari worth Rs 7.5 crore seized

कर्नाटक मोटर व्हीकल कानूनों के अनुसार, कोई भी वाहन जो राज्य में नियमित रूप से उपयोग में है, उसे राज्य में रि-रजिस्टर करवाना और स्थानीय रोड टैक्स चुकाना अनिवार्य है – चाहे वह किसी भी राज्य में रजिस्टर्ड हो। यदि कोई वाहन एक साल से अधिक समय तक राज्य में रहता है, तो उसे स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव में योगदान देना आवश्यक है।
अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई से न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।