Noida gets its first woman DM
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 23 IAS अफसरों का तबादला किया। इसमें सबसे चर्चित नाम सामने आया है मेधा रूपम का, जिन्हें गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) का नया जिलाधिकारी (DM) बनाया गया है। खास बात यह है कि वे नोएडा की पहली महिला डीएम बन गई हैं। वर्तमान में वे कासगंज की डीएम हैं और अब मनीष वर्मा की जगह लेंगी, जिन्हें प्रयागराज का डीएम नियुक्त किया गया है।
Noida gets its first woman DM
कौन हैं मेधा रूपम?
मेधा रूपम 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है और UPSC में ऑल इंडिया रैंक 10 हासिल की थी। वे सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि खेलों में भी माहिर हैं, राष्ट्रीय स्तर की रायफल शूटर रह चुकी हैं और केरल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 3 स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
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प्रशासनिक सफर
- फरवरी 2023 से जून 2024 तक वे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में एडिशनल सीईओ रही हैं, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम किया।
- इससे पहले वे बरेली, मेरठ, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, हापुड़ और कासगंज में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर तैनात रह चुकी हैं।
- हापुड़ में आयुष्मान भारत और स्वास्थ्य अभियानों को प्रभावी रूप से लागू किया।
- कासगंज में बाढ़ प्रभावित इलाकों में खुद ट्रैक्टर चलाकर राहत और बचाव कार्य किया, जिसकी काफी सराहना हुई।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
Noida gets its first woman DM
मेधा रूपम के पिता ग्यानेश कुमार, केरल कैडर के वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं और इस समय भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) हैं। उनके पति संतोष कुमार सिंह भी IAS अधिकारी हैं और वर्तमान में सहारनपुर के डीएम हैं।
अन्य प्रशासनिक बदलाव

- गाज़ियाबाद में रवींद्र कुमार मंडर को नया डीएम नियुक्त किया गया है। वे पहले प्रयागराज के डीएम थे और कुंभ मेला 2025 की तैयारियों की निगरानी कर चुके हैं।
- मिशन समर्थ जैसी योजनाओं के जरिए दिव्यांग बच्चों की मदद और अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों का कायाकल्प उनके कार्यकाल की उपलब्धियां हैं।
- मनीष वर्मा, जो फरवरी 2023 से नोएडा के डीएम थे, अब प्रयागराज के डीएम होंगे।
- दीपक मीणा, जो जनवरी से गाज़ियाबाद के डीएम थे, ने हाल ही में कांवड़ यात्रा के सुचारु संचालन के लिए 24×7 समन्वय स्थापित किया।
मेधा रूपम का यह नया पदभार सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि नोएडा के प्रशासनिक इतिहास के लिए भी एक नया अध्याय है। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और जमीनी जुड़ाव से नोएडा में विकास और सुशासन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।