What made Madrasa teachers angry over Nitish Kumar, बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह में शिक्षकों ने क्यों किया हंगामा

Madrasa teachers angry over Nitish Kumar

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पटना में सोमवार को नज़ारा कुछ अलग ही था। मौका था बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह का, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मौजूद थे। कार्यक्रम तो सम्मान और उपलब्धियों के लिए रखा गया था, लेकिन मंच पर हालात अचानक बदल गए।

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जैसे ही सीएम ने भाषण खत्म किया, सभागार में बैठे मदरसा शिक्षक उबल पड़े। हाथों में कागज़ लहराते हुए वे मंच की ओर बढ़े और जमकर नारेबाजी करने लगे। सुरक्षाकर्मी उन्हें रोकने की कोशिश करते रहे, लेकिन गुस्साए शिक्षक सीएम तक पहुंच ही गए। दिलचस्प बात ये रही कि हंगामे के बीच नीतीश कुमार ने खुद कुछ शिक्षकों से उनके आवेदन अपने हाथों से ले लिए।

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क्यों भड़के मदरसा शिक्षक?

शिक्षकों का आरोप था कि उन्हें पहले से भरोसा दिया गया था कि इस कार्यक्रम में उनके मानदेय को लेकर बड़ा ऐलान होगा। 2011 में सीएम ने वादा किया था कि राज्य के 2459 मदरसों को अनुदान मिलेगा, लेकिन अब भी 1646 मदरसे ऐसे हैं जिन्हें कोई मानदेय नहीं मिलता। उम्मीदें बड़ी थीं, लेकिन भाषण में जब इस विषय पर कोई घोषणा नहीं हुई तो माहौल बिगड़ गया।

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नारेबाजी और नाराज़गी

शिक्षकों ने जोरदार नारेबाजी की और कहा कि उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है, ठोस कदम नहीं। कई शिक्षक तो मंच के सामने तक पहुंच गए। स्थिति को देखते हुए सीएम को सुरक्षा घेरे में बाहर निकालना पड़ा।

What made Madrasa teachers angry over Nitish Kumar, बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह में शिक्षकों ने क्यों किया हंगामा

नीतीश कुमार ने क्या कहा?

अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने अब तक मुस्लिम समुदाय के लिए किए गए कार्यों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने से पहले हालात खराब थे, लेकिन 2005 के बाद काफी बदलाव आया। “पहले हिंदू-मुसलमान के बीच झगड़े होते थे, अब माहौल बेहतर हुआ है,” उन्होंने कहा। लेकिन जैसे ही उन्होंने भाषण खत्म किया, नाराज़ शिक्षकों ने हंगामा शुरू कर दिया।

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बिहार में मदरसों की स्थिति

बिहार मदरसा बोर्ड की स्थापना 1922 में हुई थी और 1981 में इसे स्वायत्त अधिकार मिले। फिलहाल राज्य में 1942 अनुदानित मदरसे और लगभग 2430 गैर-अनुदानित मदरसे हैं। इन्हीं गैर-अनुदानित मदरसों के शिक्षक अपनी रोज़ी-रोटी के लिए सरकार से मानदेय की मांग कर रहे हैं।

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कुल मिलाकर, सम्मान और जश्न का मंच मदरसा शिक्षकों की नाराज़गी का गवाह बन गया, और सीएम नीतीश को आश्वासनों के बीच शिक्षकों की हकीकत भी सुननी पड़ी।

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