वैसे तो दुनिया भर के लोग डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन हममें से कुछ आदरनीय भारतीयों को लगता है कि दिन भर सोचते रहता है डिप्रेशन तो होबे करेगा न।
हम उस देश के वासी हैं जहां के लोगों का कहना है दांत में दर्द है गरम पानी से कुल्ला कर लो ठीक हो जाएगा, पेट में दर्द है पानी में अजवाइन डाल के पीलो ठीक हो जाएगा।
मतलब घरेलु नुस्खों पर इतना विश्वास, डॉक्टर तो बेचारा अपनी डिग्रीयां जला दे कि भाई ये लोग हैवी ड्राइवर हैं इनके पास सब रोग का इलाज है। अबे डॉक्टर की जान लेगा?
इतना लंबा डायलॉग हमने इसलिए दिया ताकि आप समझ सकें कि डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है, जिसका इलाज व्यवस्थित तरीके से कराना बेहद जरूरी है। आप लोग क्या चाहते हैं डिप्रेशन को हमारे देश में आंदोलन करना पड़े खुद को बीमारी घोषित कराने के लिए। जबकि अन्य विकसित देश ये मान चुके हैं कि डिप्रेशन का इलाज, दवाइयों और डॉक्टरों के द्वारा किया जाता है।
दोस्तों की सलाह से डिप्रेशन का इलाज संभव नहीं है तो भूलकर भी इस गंभीर समस्या को हल्के में न लें। और अगर आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं तो बिना समय गवाएं एक अच्छे मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक या न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
धन्यवाद, उम्मीद करता हूं आपको हमारी बात समझ में आ गई होगी, स्वस्थ रहें और हमारा लाभदायक कंटेंट पढ़ते रहें।