तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने आज (बुधवार) को राज्य विधानसभा में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ नीति के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भारत सरकार का एक ऐसा प्रस्ताव है जिसका उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में होने वाले चुनावों को एक साथ कराना है।
स्टालिन ने यह कदम ऐसे समय उठाया जब ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति ने राज्य चुनाव आयोगों के साथ अपनी बातचीत जारी रखी और सोमवार को पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने पर उनका दृष्टिकोण मांगा।
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के खिलाफ सदन में बोलते हुए स्टालिन ने कहा, “यह सदन केंद्र सरकार से एक राष्ट्र एक चुनाव नीति को लागू नहीं करने का आग्रह करता है क्योंकि एक राष्ट्र एक चुनाव का सिद्धांत अव्यवहारिक है, और लोकतंत्र के आधार के खिलाफ है”.
स्टालिन ने अपने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में जन-केंद्रित मुद्दों के आधार पर स्थानीय निकायों, राज्य विधानसभाओं और संसद के चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं और यह लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के विचार के खिलाफ है। हम जनगणना के आधार पर परिसीमन स्वीकार नहीं कर सकते। जो राज्य जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू करने में रुचि नहीं रखते, उन्हें जनगणना के आधार पर परिसीमन से अधिक लाभ मिलेगा। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। हमें इसका विरोध करना चाहिए”।