Employee says no to overtime
ऑफिस की टॉक्सिक वर्क कल्चर और वर्क-लाइफ बैलेंस पर बहस एक बार फिर छिड़ गई है। एक वायरल वीडियो जिसमें एक लड़की ने साहस के साथ “ओवरटाइम” करने से मना कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये वीडियो न सिर्फ दिल जीत रहा है, बल्कि लोगों को सोचने पर मजबूर भी कर रहा है, क्या वाकई ज़रूरत से ज़्यादा काम करना ही मेहनत की पहचान है?
Employee says no to overtime
तीन दिन पहले इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए इस वीडियो में शताक्षी पांडेय नाम की युवती ने अपने अनुभव को साझा किया। वीडियो का कैप्शन था:
“Dear X and Y generation, this is the not-so-respectful request!”
Employee says no to overtime
वीडियो में शताक्षी कहती हैं: “तो मैं अभी घर वापस जा रही हूं ऑफिस से, और मेरा जो रिपोर्टिंग मैनेजर हैं, उन्होंने मुझसे कहा ‘थोड़ा सा और काम है शताक्षी, दे रहा हूं कर दो।’ मैंने उन्हें साफ कहा, ‘नहीं सर, आज मुझे टाइम पर निकलना है।’”
Employee says no to overtime
वो आगे कहती हैं: “मैं जल्दी नहीं जा रही, बल्कि अपने वर्किंग आवर्स पूरे करके ही निकल रही हूं। एक्स्ट्रा नहीं बैठना चाहती, क्योंकि आज मेरा व्रत है।”
शताक्षी के मना करने पर उनके मैनेजर ने कहा: “तुम्हें पता है, मैं कल रात ट्रेन में था, सुबह 7 बजे पहुंचा और 7:30 बजे ऑफिस भी आ गया, और अब तक यानि 6:30 बजे तक ऑफिस में हूं। खैर, तुम जाओ घर।”
Employee says no to overtime
वीडियो के अंत में शताक्षी सवाल उठाती हैं: “मैं ये नहीं समझ पा रही कि ये सोच, ये माइंडसेट, ये कंडीशनिंग कहां से आ रही है? इंसान दो वक्त की रोटी कमाने जाता है, लेकिन अगर वो दो वक्त की रोटी सुकून से नहीं खा सकता, तो क्या फायदा? ज़बरदस्ती की स्ट्रगल को ग्लोरिफाई क्यों करना? मर-मर के काम करना – ये गर्व की बात कब से हो गई? मैं इससे सहमत नहीं हूं। चाहे मुझे इस नौकरी से निकाल ही क्यों न दिया जाए, लेकिन मैं इसके लिए हां नहीं कह सकती।”
Employee says no to overtime
इस वीडियो को लाखों लोगों ने देखा और सराहा। खासकर युवा प्रोफेशनल्स ने शताक्षी की साफगोई और साहस की खूब तारीफ की। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि एक जनरेशन की सोच है जो अब बदलाव चाहती है, एक ऐसा माहौल जिसमें काम के साथ-साथ मानसिक शांति और निजी जीवन का भी सम्मान हो।
Employee says no to overtime
शताक्षी की आवाज़ उन लाखों कर्मचारियों की आवाज़ बन गई है, जो ‘वर्क इज वर्शिप’ के नाम पर अपनी लाइफ कुर्बान नहीं करना चाहते।