शुक्रवार, 8 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस की चेयरपर्सन और उद्यमी Sudha Murthy को राज्यसभा सांसद पद के लिए प्रस्तावित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामांकन पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण के लिए भाजपा पार्टी की ‘नारी शक्ति’ पहल का प्रतिबिंब है।
पीएम मोदी ने X पर लिखा, “मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने Sudha Murthy जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ पहल का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं”।
Sudha Murthy को 2006 में पद्म श्री और 2023 में पद्म भूषण दिया गया था। इसके अलावा, उन्हें 2011 में साहित्य के लिए आरके नारायण पुरस्कार, 2011 में उत्कृष्ट कन्नड़ साहित्य के लिए कर्नाटक सरकार के ‘अतिमाबे पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा 2018 में क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड्स का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी Sudha ji को दिया गया था।
उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से प्राप्त की थी। उनका जन्म कर्नाटक के हावेरी जिले के शिगगांव में हुआ था।
हालांकि, Sudha Murthy हाल ही में अपनी टिप्पणियों के कारण कई मौकों पर विवादों में रहीं। सुधा मूर्ति ने एक यूट्यूब वीडियो में यह डर जताया था कि शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजनों के लिए एक ही चम्मच का इस्तेमाल किया जाएगा। कुछ लोगों ने सोचा कि उनका बयान जातिवादी था क्योंकि ‘शुद्ध शाकाहार’ को कभी-कभी ब्राह्मणवाद से जोड़ा जाता है, लेकिन दूसरों ने कहा कि किसी की भोजन संबंधी प्राथमिकताओं और आदतों को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए।